Covid 19Latest Newsकोरबा न्यूज़छत्तीसगढ़ न्यूज़छत्तीसगढ़ स्पेशलजांजगीर चांपास्वास्थ्य

स्वामी सुरेन्द्रनाथ भड़के-जांजगीर तहसीलदार की कार्यप्रणाली से नाराज, जांच की जरूरत बताई दण्डाधिकारी नहीं डंडाअधिकारी की तरह कर रहे हैं काम, क्वारेटाईन सेंटरों में अव्यवस्था की वजह से मजदूरों को भागना पड़ा था इसकी भी होनी चाहिए जांच स्वामी

जांजगीर-चांपा। कोरोना संक्रमण के फैलने से पूरा जांजगीर जिला परेशान है। दूसरी ओर जांजगीर तहसीलदार प्रकाश साहू की कार्यप्रणाली को लेकर शांत रहने वाले स्वामी सुरेन्द्र नाथ काफी नाराज हैं। लोगों को अनावश्यक परेशान करने पर प्रशासन को कटघरे में खड़ी कर रहे हैं। उनके कार्यों की निष्पक्ष जांच की जरुरत बता रहे हैं। उनकी खराब कार्यप्रणाली से शासन की छवि खराब हो रही है। दूसरी ओर जिला प्रशासन भी अपने अधिकारी पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
स्वामी सुरेन्द्रनाथ का कहना है कि कई लोगों ने तहसीलदार साहू की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायत की है। मुख्यमंत्री से वाहवाही लुटने के लिए पहले घर नहीं जाने का दावा करते थे अब संक्रमण फैलने पर घर में सो रहे हैं। क्वारेटाईन सेंटरों में मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार की भी शिकायत मिली थी। लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। भोजन के नाम पर पेपर में चावल व हल्दी मिला दाल पानी तक परोसा गया। इस वजह से इसके खर्च की जांच होनी चाहिए। कई स्थानों से मजदूर अपने घर भाग गए थे। इसके पीछे भी तहसीलदार की कार्यप्रणाली को बताया जा रहा है। सेंटरों में कितने खर्च हुए, मजदूरों से भी पूछताछ होनी चाहिए। स्वामी जी ने साफ कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भ्रूपेश बघेल बेहतर काम कर रहे हैं लेकिन जांजगीर के तहसीलदार प्रशासन की छवि को दागदार बनाने में लगे हुए हैं। लोगों के बीच सरकार की छवि खराब हो रही है। तहसीलदार को दंडाधिकारी का दर्जा प्राप्त है। लेकिन वे डंडाधिकारी की तरह काम कर रहे हैं। जिला मुख्यालय में नेताजी चौक पर एक व्यापारी पर डंडा बरसाने का आरोप लग चुका है। ऐसे अधिकारी को फील्ड में रखना सही नहीं है। कोरोना काल में वैसे भी लोग परेशान है कुछ दिनों पहले ही लोगों ने बताया था कि जरूरतमंदों को राशन बांटने के लिए भण्डार गृह बनाया गया था जहां राशन लेने पहुंचने वाले लोगों को मोबाईल देखकर उन्हें वापस भगया दिए जाता था। लेकिन उस समय भी मैने कुछ नहीं कहा। जब-जब लोगों के साथ अन्याय होगा तब तब मै सामने आऊंगा ही। एक तहसीलदार जिला प्रशासन व मंत्री का करीबी बताकर लोगों को परेशान करे यह सही नहीं है। यहां के लोग काफी शांत प्रवृत्ति के हैं। ऐसे लोगों को परेशान करना गलत है। तहसीलदार के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि सरकारी गाड़ी के बजाय प्राईवेट वाहन में सरकारी पैसे खर्च कर फिल्ड में रहते हैं। साथ ही अपने साथ हमेशा पंचनामा बनाने के लिए चार-पांच लोगों को अपने साथ रखते हैं। जो दूसरे विभागों के हैं ऐसे अधिकारी को जिले से ही बाहर किया जाना चाहिए। जन प्रतिनिधियों को भी ऐसे अधिकारियों पर अंकुश लगाने की जरूरत हैं। ताकि प्रदेश सरकार की छवि खराब न हो। स्वामी सुरेन्द्र नाथ ने कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा कि लोगों को परेशान करने व शासन की राशि का दुरूपयोग करने वाले अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लोगों को कोरोना से बचने स्वयं ही आगे आना होगा। प्रशासन के भरोसे कुछ होने वाला नहीं है। अगर प्रशासन सतर्क रहता तो जांजगीर जिला मुख्यालय की यह हालत नहीं होती। उल्लेखनीय है कि स्वामी सुरेन्द्र नाथ के आश्रम में कांग्रेस, भाजपा, बसपा के बड़े नेता आशीर्वाद लेने पहुंचते रहे हैं। लेकिन कभी स्वामी सुरेन्द्र नाथ ने प्रशासन को लेकर कभी टिप्पणी नहीं की। वे हमेशा सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी भागीदारी निभाते हैं। राजनीति से कोसों दूर रहते हैं। भले ही देश के कई राज्यों से राजनेताओं के साथ ही सत्ता से जुड़े लोगों का उनके आश्रम में आना जाना लगा रहता है। दूसरी ओर 23 कर्मचारियों को अनुपस्थित बताकर कार्रवाई की अनुशंसा करने पर कर्मचारियों ने भी नराजगी जताई है। कर्मचारियों का कहना है कि वेवजह हमें परेशान किया जा रहा है। इस संबंध में तहसीलदार प्रकाश साहू का पक्ष लेने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल स्वीच आफ बताया।