*अनियंत्रित निर्माण कार्य पर नगरपालिका बना मूकदर्शक अवैध निर्माण सहित अतिक्रमण से नालियां हो रही जाम*
हरी देवांगन
चांपा _पालिका क्षेत्र में अनियंत्रित निर्माण कार्य एवं अतिक्रमण के कारणों से जहां आम जनता को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वही नाली के ऊपर अवैध निर्माण सहित अतिक्रमण के कारणों से नालियां हो रही जाम और लोग गंदे पानी में चलने को हो रहे विवस जिसे लेकर स्थानीय निकाय मूकदर्शक बना बैठा है आखिर क्यों क्या है इसके पीछे का रहस्य क्या है लोग कर रहे हैं सौ सवाल,,,,?
पालिका अधिनियम के तहत किसी निर्माण कार्य के पूर्व पालिका कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जाता है जिसमें तमाम परिस्थितियों का उल्लेख के बाद निर्माणकर्ता के द्वारा पालन एवं सहमति के बाद स्थानीय निकाय के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर संबंधित निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान की जाती है इसके बाद निर्माण करता क्या और कितना निर्माण करता है इसे लेकर नगर पालिका का कहीं कोई जिम्मेदारी नहीं बनता है जिसके कारणों से निर्माण कार्य कराने वालों का हौसला इतना बुलंद हो जाता है कि वह मनचाहा निर्माण के साथ ही अतिक्रमण और अवैध निर्माण को करने के लिए जैसे उन्हें लाइसेंस मिल जाता है जिसके कारणों से निर्माण कार्य पर जमकर लीपापोती का कार्य हो रहा है यहां स्पष्ट कर दें कि चांपा के गौशाला रोड में एक नहीं अनेकों स्थान पर मकान निर्माण कार्य युद्ध गति से किया जा रहा है जिन्हें पालिका कार्यालय से एनओसी मिलने के बाद इन निर्माण कर्ताओं के द्वारा नाली के ऊपर जहां अवैध ढंग से निर्माण सामग्रियों को रखा गया है तो वहीं अतिक्रमण के कारणों से नालियां आए दिन जाम हो रही है जिसके नतीजा यह हो रहा है कि जाम नालियों से गंदा पानी मुख्य सड़क पर सरेआम बह रहा है जिसे लोगों को आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं आसपास के दुकानदारों का जीना मुहाल हो रहा है जिसके चलते गौशाला रोड में संचालित कई दुकानदारों के मन में आक्रोश पनप रहा है यह पहला अवसर नहीं है जब अतिक्रमण के कारणों से नालियां जाम हो रही है यहां पर एक से अधिक मकान निर्माणाधीन है जिसके कारण आए दिन नालियों के जाम होने से दूषित पानी सड़कों पर बह रही है सूत्र बताते हैं कि चांपा पालिका कार्यालय में एक नहीं अनेकों इंजीनियर कार्यरत हैं लेकिन उन्हें इतना भी फुर्सत नहीं कि उनके द्वारा एनओसी जारी करने के बाद निर्माण कर्ताओं के द्वारा क्या और कितना किस तरह से निर्माण किया जा रहा है उसे निरीक्षण परीक्षण करने का इनके पास समय नहीं है और यही मुख्य वजह है कि जहां मुख्य मार्गों में निर्माण सामग्रियों को फैला दिया जाता है वही नालियां जाम होने से दूषित पानी से लोगों को कई तरह के परेशानियां भी उठानी पड़ रही है आखिरकार स्थानीय निकाय के द्वारा इस प्रकार लापरवाही क्यों बरती जा रही है लोगों के समझ से परे हैं नगर वासियों के मन में कई तरह के प्रश्न बिजली की भांति कौंध रहा है की स्थानीय निकाय के द्वारा है स्वीकृति मिलने के बाद चल रही नवनिर्माण पर पालिका कार्यालय का कहीं पर कोई नियंत्रण क्यों नहीं होता है,,,,,?