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गौरेला पेंड्रा मरवाही : पंचायत सचिव ने की आत्महत्या , मरवाही पंचायतो में चल रहे भ्रष्टाचार ( ठेकेदारी प्रथा ) ने ली एक पंचायत सचिव की जान…

मरवाही – पंचायतों में फैला भ्रष्टाचार व ठेकेदारी प्रथा ने एक सचिव को जान देने मजबूर कर दिया । पंचायत में ग्राम विकास के लिए राशि एवम कार्यों पर ठेकेदारी प्रथा इतनी ज्यादा हावी है जिससे लगातार भ्रष्टाचार बढ़ते जा रहा है , उपर से लेकर नीचे तक अधिकारी, बाबू से लेकर ठेकेदार तक सचिव और सरपंच को भ्रष्टाचार करने मजबूर कर दिया जाता है ! सचिव पर दबाव इतना रहता है कि वो दबाव में आकर चाहे ना चाहे चेक काटते रहता है और जब पूरे मामले में कार्यवाही होती है तो बाबू अधिकारी और ठेकेदार सब किनारे हो जाते हैं और कार्यवाही सचिव पर की जाती है ..एक ताजा मामला मरवाही जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मालाडांड से सामने आया है जहां के सचिव पर 15 वें वित्त में अनियमितता के चलते जांच हुई और सचिव को निलंबित कर दिया गया। जानकारी ये भी है कि सचिव पर लगभग सात लाख की रिकवरी थी और शायद एफआईआर भी होने वाली थी ।

पूरा मामला मरवाही जनपद पंचायत क्षेत्र में 14 एवं 15 वे वित्त की राशि में डिजिटल सिग्नेचर में हुई गड़बड़ी के बाद फर्जी आहरण से जुड़ा हुआ है, जिस पर शिकायत के बाद 10 पंचायतों में गड़बड़ी पाए जाने के बाद ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया गया था, साथ ही जांच के बाद FIR करने के निर्देश दिए गए थे..कलेक्टर के निर्देश पर चल रही इस जांच कार्यवाही में जो बात सामने आई है, उसमें वह सभी पंचायत सचिव उनके आईडी पासवर्ड उनके जानकारी दिए बगैर पहले से ही कुछ लोगों ने उपयोग कर 10 पंचायतों की राशि फर्जी तरीके से आहरण कर लिया और पूरा ठीकरा जिम्मेदार सचिव पर डाल दिया गया जिसके बाद चल रही जांच में 10 सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था । निलंबित सचिव में एक मालाडाँड़ – डढ़िया पंचायत गुलाब सिंह तिंनगाम से संबंधित था…. जो लगातार जांच प्रक्रिया से गुजर रहा था और अपने आप को प्रताड़ित महसूस करते हुए रविवार दोपहर अपने घर से निकल कर पास के जंगल में जाकर पेड़ में लटक कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

फर्जी आहरण को लेकर लगातार हो रही जांच पर परेशान ग्राम पंचायत मालाडांड एवं डंडिया के पंचायत सचिव गुलाब सिंह तिंनगाम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । पीड़ित परिजनों एवं सचिव संघ जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही ने पंचनामा कार्यवाही के बाद शव को सिवनी मरवाही मुख्य मार्ग पर रखकर पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए सड़क पर धरने पर बैठ गए, मामले में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भी पूरे मामले पर प्रदेश सरकार से न्यायिक जांच की मांग करते हुए पचास लाख रुपये मुआवजे सहित पीड़ित परिवार के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति की जिसपर कलेक्टर नम्रता गाँधी के निर्देश पर एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा ने तत्काल परिवार को अनुकंपा नियुक्ति देने सहित उचित मुआवजा राशि तुरंत देने आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन समाप्त करा दिया ।