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रायपुर : मंत्री की ही नहीं सुनते संस्कृति विभाग के अफसर:ज्वॉइंट डायरेक्टर फोन तक नहीं उठाते, निलंबन की नोटशीट चलाई, उसे भी गायब कर दिया

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर्स और IG-SP कॉन्फ्रेंस में प्रशासन के प्रभाव मतलब इकबाल कायम करने की बात की थी। यहां विभागों में मंत्रियों का इकबाल ही खतरे में पड़ गया है। संस्कृति विभाग के एक संयुक्त संचालक विभागीय मंत्री का ही फोन नहीं उठाते। नाराज मंत्री ने अधिकारी के निलंबन की नोटशीट चलाई तो वह दबा दी गई। विभागीय सचिव का कहना है, उन्हें ऐसे किसी निर्देश की जानकारी ही नहीं है।

मामला संस्कृति विभाग से जुड़ा है। 11 अक्टूबर को खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने विभागीय सचिव अन्बलगन पी को एक नोटशीट भेजी। कहा, संयुक्त संचालक उमेश मिश्रा, संस्कृति और पुरातत्व संचालनालय में पदस्थ हैं। वे मंत्री के कार्यालय से समन्वय नहीं रखते। उनके कार्यालय से अधिकारी फोन करते हैं तो उसे रिसीव भी नहीं करते। अमरजीत भगत ने नोटशीट में लिखा, उन्होंने नवरात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए कुछ प्रस्ताव भेजे थे। बार-बार बताने के बाद भी इसका कार्यादेश जारी नहीं हुआ। इसकी वजह से कार्यक्रम की आयोजक समितियों के लोग और स्थानीय जनप्रतिनिधि और कलाकारों में काफी आक्रोश है। मंत्री ने लिखा, उमेश मिश्रा के विभागीय कार्यों के प्रति उदासीनता, अनुशासनहीनता और घोर लापरवाही प्रतीत हो रही है। ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। इस आदेश के 13 दिन बाद भी संयुक्त संचालक का निलंबन क्या, तबादला तक नहीं हुआ। संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी का कहना है, उन्हें ऐसे किसी निर्देश की जानकारी ही नहीं है। वे ऑफिस से जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।

संचालक की भी शिकायत, चुप हैं मंत्री

संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य भी विवादों में हैं। हबीब तनवीर स्मृति नाट्य समारोह के लिए मदद मांगने पहुंचे रंगकर्मियों के साथ बदतमीजी के बाद से रायपुर के रंगकर्मी बकायदा नाटक कर विरोध जता रहे हैं। आरोप है कि मदद मांगने पहुंचे रंगकर्मियों से आचार्य ने कह दिया था, संस्कृति विभाग तुम्हारे बाप का नहीं। रंगकर्मियों ने संस्कृति मंत्री से शिकायत की। लेकिन मंत्री कुछ कर नहीं पा रहे हैं।

संचालक-उप संचालक में विवाद

इधर संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य और उप संचालक जेआर भगत के बीच कहासुनी की खबर है। बताया जा रहा है, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में दी गई जिम्मेदारी से भगत नाराज हैं। शनिवार को उन्होंने आपत्ति की तो संचालक से उनका विवाद हो गया। उप संचालक भगत ने संस्कृति सचिव अन्बलगन पी को पत्र लिखकर नृत्य महोत्सव के दौरान ड्यूटी करने में असमर्थता जता दी है। उनका तर्क है कि हर बार उन्हें मंचीय दायित्व दिया जाता है। इस बार उनकी वरिष्ठता को दरकिनार कर जिम्मेदारी दी गई है, जिससे वे असहज महसूस कर रहे हैं।

‘संस्कृति विभाग तुम्हारे बाप का नहीं है’:मदद मांगने पहुंचे कलाकारों को संस्कृति विभाग में यह सुनने को मिला था, अब अफसर के दुर्व्यवहार को नाटक बनाकर नुक्कड़ों पर दिखाएंगे रंगकर्मी