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पाली : वन अधिकारी ने आधी रात सूचना पर नही दिया ध्यान तो प्रधान आरक्षक ने दहशत का पर्याय बने 8 फिट मगरमच्छ को रेस्क्यू कर रस्सी से बांधा, ग्रामीण कर रहे पुलिस की खूब सराहना

वन अधिकारी ने आधी रात सूचना पर नही दिया ध्यान तो प्रधान आरक्षक ने दहशत का पर्याय बने 8 फिट मगरमच्छ को रेस्क्यू कर रस्सी से बांधा, ग्रामीण कर रहे पुलिस की खूब सराहना

कोरबा/पाली:- वनांचल क्षेत्र में निवासरत ग्रामीण के घर मे आधी रात किसी हिंसक जंगली जानवर के घुस आने की सूचना स्वयं भयभीत गृहस्वामी द्वारा डायल 112 को दिए जाने पश्चात मौके पे पहुंची पुलिस को घर के आंगन में करीब 8 फीट लंबा मगरमच्छ विचरण करते मिला। जिसे प्रधान आरक्षक द्वारा रेस्क्यू कर रस्सी के सहारे पेड़ से बांध दिया गया। तथा जिसे आज सुबह वन विभाग द्वारा खूंटाघाट जलाशय में छोड़ा गया है।

इस संबंध पर प्राप्त जानकारी के अनुसार पाली थाना में रात्रि कालीन सेवा के दौरान अपने मातहमों के साथ कर्तव्य का निर्वहन कर रहे प्रधान आरक्षक अश्वनी निरंकारी को रात करीब डेढ़ बजे 112 पाइंट के माध्यम से सूचना मिली कि थाना से 15 किमी दूर ग्राम पंचायत सिल्ली निवासी रामप्रसाद रोहिदास उम्र 40 एवं उसके पड़ोसी ने मोबाइल से डायल 112 को सूचना दिया है कि उसके घर में किसी हिंसक जंगली जानवर घुस आए है। जिसके सांस लेने की आवाज से पूरे परिवार के लोग दहशतजदा है एवं जान बचाने घर से किसी तरह निकालकर पड़ोसियों के घर शरण ले रखे हैं। प्राप्त इस सूचना के फौरन बाद प्रधान आरक्षक द्वारा इस बाबत सूचना वन विभाग को दिया गया। किंतु पाली वन परिक्षेत्र के अधिकारी ने उक्त सूचना को गंभीरता से नही लिया, और तब प्रधान आरक्षक निरंकारी अपने मातहत आरक्षक अमित कुर्रे, व संजू श्रीवास को साथ लेकर डायल 112 से रात्रि 2 बजे के लगभग मौका स्थल पर पहुंचे। जहां टॉर्च की रोशनी जलाकर देखा तो घर के आंगन में 8 फीट लंबा मगरमच्छ विचरण करते दिखाया। जिसे जान पर खेलकर प्रधान आरक्षक ने एक मोटे रस्से के सहारे फंदा बनाकर उसे फंसाया और समीप के एक पेड़ में घसीटकर ले जाते हुए बांध दिया। जिसके बाद रोहिदास परिवार एवं उसके पड़ोसियों ने राहत की सांस ली व इस आफत से बचाव के लिए पुलिस का धन्यवाद ज्ञापित किया। वही आज सुबह वन विभाग के अधिकारी- कर्मचारी अपने कर्तव्यों की इश्रीति करने के लिए ग्राम सिल्ली पहुंचे और मगरमच्छ को अपने कब्जे में लेकर उसे खूंटाघाट जलाशय में छोड़ गया। ऐसे में यदि ध्यान दिया जाए तो सूचना के आधार पर जो कार्य दायित्व वन विभाग के जिम्मे था उसे पुलिस को करना पड़ा। क्या वन अधिकारी और कर्मचारी शासन से केवल वेतन लेने के लिए अपने दायित्यों का निर्वहन कर रहे है जो रात्रि सूचना पश्चात सुबह अपने कर्तव्य का प्रमाणिकता देने पहुँचे। दूसरी ओर पाली पुलिस ने मिली सूचना को गंभीरता से लेते हुए आधी रात दायित्व से परे जो अपना कर्तव्य निभाया उसकी ग्रामीण खूब सराहना कर रहे है।