छत्तीसगढ़ में ओमिक्रॉन के खतरे के बीच आया जानलेवा डायरिया:बिलासपुर में 17 मरीज मिले, 4 की हालत गंभीर; दो महिलाओं की जा चुकी है जान
छत्तीसगढ़ में ओमिक्रॉन के खतरे के बीच आया जानलेवा डायरिया:बिलासपुर में 17 मरीज मिले, 4 की हालत गंभीर; दो महिलाओं की जा चुकी है जान
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन और बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच छत्तीसगढ़ में डायरिया ने लोगों की चिंता बढ़ा दी हैं। बिलासपुर शहर में 2 महिलाओं की डायरिया से मौत के बाद जब स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को अलग-अलग इलाकों में सर्वे किया तो 17 लोग डायरिया से पीड़ित मिले। इन सभी को उल्टी और दस्त की शिकायत थी। 4 मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आशंका है कि गंदा पानी पीने वजह से ये लोग बीमार हुए हैं।
कोरोना व ओमिक्रॉन के संक्रमण की जांच में उलझी स्वास्थ्य विभाग को शहर में फैल रहे डायरिया की भनक तक नहीं थी। शुक्रवार को CIMS में दो महिलाओं की उल्टी, दस्त की वजह से मौत होने के बाद विभाग के अफसर हरकत में आ गए। शनिवार को CMHO प्रमोद महाजन ने संवेदनशील इलाकों में सर्वे करने के निर्देश दिए। इस पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मितनिनों की टीम ने तारबाहर, तालापारा व सरकंडा क्षेत्र के 115 घरों में जाकर जांच की।
मोहल्ले में टीम पहुंची, तब पता चला कि कई घरों में लोगों को उल्टी, दस्त की शिकायत है। इस दौरान उल्टी दस्त के 17 मरीज मिले। कार्यकर्ता व मितानिनों ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। लिहाजा, मरीजों को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। जांच के बाद 4 मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें भर्ती कराया गया। वहीं अन्य मरीजों को दवाई देकर घर भेज दिया गया।
बीमारी पर नजर रखने बनी टीम
मौसम के बदलने के साथ ही इस तरह की परेशानियां शुरू हुई हैं। कई लोगों को इन दिनों सर्दी-खांसी और बुखार की भी शिकायत है। वहीं बिलासपुर में इस तरह से डायरिया के मरीज मिलने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट की चिंता बढ़ गई है। बताया गया है कि स्टेट स्तर पर डायरिया और वायरल फीवर जैसी समस्या से पर नजर रखने एक टीम का भी गठन किया गया है। कुछ दिन पहले ही विदेश से आए 2 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसक बाद से ही बिलासपुर समेत पूरे प्रदेश में विदेश से आए लोगों का पता लगाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने लगाया कैंप
बिलासपुर में डायरिया फैलने की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग ने कैंप भी लगाया। इस दौरान मोहल्लेवासियों को डायरिया की दवाइयां भी वितरित किए गए। उल्टी, दस्त के मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया है। अब शहर के अन्य निचली बस्तियों में भी कैंप लगाने व सर्वे कर घर-घर में दस्तक देकर डायरिया के मरीज खोजने की बात कही जा रही है।
दूषित पानी पीने के से बीमार होने की आशंका
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डा. बीके वैष्णव ने जानकारी दी है कि सभी मरीज के प्रारंभिक जांच से यह पता चला है कि दूषित व गंदे पानी पीने की वजह से उनके बीमार पड़ने की आशंका है। पानी पीने से ही उन्हें उल्टी, दस्त की शिकायत हुई है। समस्या बढ़ने पर कुछ को भर्ती कराया गया है। विभाग की टीम की ओर से लगातार जांच की जा रही है।
गंदगी व पाइप सुधारने निगम को सुध नहीं
माना जा रहा है कि डायरिया की मुख्य वजह दूषित व गंदे पानी है। जिसे पीने से उल्टी दस्त की शिकायत होने लगती है। जिन क्षेत्रों में उल्टी दस्त के मरीज मिले हैं। वहां गंदगी रहती है। साथ ही पाइप लाइन टूटी है और नालियों से होकर गुजरी है। पाइप में लीकेज के चलते घरों में दूषित पानी पहुंच रहा है। इसके बाद भी निगम का स्वास्थ्य अमला सक्रिय नहीं हुआ है, जबकि पानी की जांच कराने की जरूरत महसूस की जा रही है।
इन मोहल्लों में डायरिया फैलने की है आशंका
शहर के कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां पर नगर निगम की पाइपलाइन नालियों से होकर गुजरती है। इन जगहों पर आए दन गंदे पानी घरों में पहुंचने की शिकायत रहती है। इस स्थिति में उल्टी, दस्त के मरीज ज्यादा मिलने की आशंका है। बताया जा रहा है कि जरहाभाठा मिनी बस्ती, तालापारा, सिरगिट्टी, तारबाहर, कुदुदंड की निचली बस्ती, दयालबंद के क्षेत्र, हेमूनगर, मंगला और सरकंडा के कुछ क्षेत्र में डायरिया फैलने की आशंका है।