जांजगीर चांपा : श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ सप्ताह का प्रथम दिन … वेदों और पुराणों का सार हैं श्रीमद्भागवत कथा : आचार्य कृष्णा द्विवेदी महाराज
श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ सप्ताह का प्रथम दिन … वेदों और पुराणों का सार हैं श्रीमद्भागवत कथा : आचार्य कृष्णा द्विवेदी महाराज
चांपा । धार्मिक महिला श्रीमती माया देवी गुप्ता के वार्षिक श्राद्ध निमित्त एक सप्ताह तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पूर्व कलश यात्रा भक्तिमय वातावरण में निकाली गई ।जो भजन-कीर्तन करते हुए मुख्य मार्गों का भ्रमण करते हुए कथा स्थल ऐतिहासिक रहसबेड़ा मैदान में पहुची । इस दौरान महिलाएं सिर पर कलश धारण कर कलशयात्रा में शामिल हुई। सदर बाजार स्थित रहसबेड़ा में भव्य पण्डाल बनाकर गुप्ता परिवार के द्धारा श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा हैं । विशाल पण्डाल में प्रथम दिवस आचार्य श्री कृष्णा द्विवेदी महराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा वेद रुपी कल्पवृक्ष का पका हुआ फल हैं । शुक्र का अर्थ हैं तोता । शुकदेव परम भागवत भक्त हैं और उनका जन्म एवं प्रकाटय भी अद्भुत हैं । शुकदेव जी के श्रीमुख से निकलकर भागवत की कथा अमृत तुल्य हो गई हैं । यह कथा मृत्यु को संवारने वाली हैं,क्योकि इस कथा की उत्पत्ति ही राजा परीक्षित को लगे श्राप के कारण हुई हैं । भागवत कथा के श्रवण,मनन और चिंतन से राजा परीक्षित की मृत्यु संवर गई थी।आचार्य श्री ने इस अवसर पर देवर्षि नारदजी के पुर्व जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि नारदजी पूर्व जन्म में दासी के पुत्र थे । उनकी माता संत-महात्माओं की सेवा करती थी आचार्यजी ने इस अवसर पर तीन वत्सल मंत्र की व्याख्या करते हुए बताया कि दीन वत्सल गाय को कहते हैं । जिस-प्रकार गाय अपने बछड़े को चाटती रहती हैं , उसकी सेवा में लगी रहती हैं वैसे ही संतों की सेवा नारदजी की मां करती थी । जिसका प्रभाव बालक नारद पर पड़ा । संतों की सेवा करने से बालक नारदजी को आशीर्वाद मिला । यही बालक दुसरे जन्म में देवर्षि नारद बना । कथावाचक द्विवेदीजी ने श्रीमद्भागवत कथा को काल के भय को मुक्त करने वाला ग्रंथ बताया । शशिभूषण सोनी ने बताया कि कथावाचक द्विवेदी जी ने भजनों के माध्यम से माहौल को भक्तिमय बनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया । आह्लादित भक्त जय श्री कृष्णा , प्रभु के जय कारे गुंजते नज़र आते रहे ।संदीप गुप्ता ने बताया कि कथा प्रतिदिन सांयकाल साढें तीन बजे से रात्रि आठ बजे तक चलेगा । उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा के रसपान करने के लिए आमंत्रित किया हैं । प्रथम दिन कथास्थल पर कथा आयोजक गिरधारी लाल , प्रदीप कुमार, अनुप कुमार गुप्ता के अलावा पूर्व नपाध्यक्ष प्रदीप कुमार नामदेव , पार्षद नागेन्द्र कुमार गुप्ता , संजय अग्रवाल , सुनील कुमार सोनी, पार्षद श्रीमती गीता सोनी, केशव सोनी,अनुपम श्रीवास्तव, प्रदीप नामदेव, महेन्द्र देवांगन , राजन, संदीप, अमीत, हितेश, आकाश, सागर, कुलदीप, चिराग, सूरज, वेद, प्रणव, शशिभूषण सोनी, यज्ञनारायण , अशोक कुमार , डॉक्टर शांति सोनी सहित काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थिति दर्ज करवाकर कथा श्रवण किया ।