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छत्तीसगढ़ : महात्मा गांधी शहादत दिवस पर एक दिवसीय उपवास : सदियों तक महात्मा गांधी दुनियाँ को शांति का रास्ता दिखाते रहेंगे ” :एकता परिषद छत्तीसगढ़

महात्मा गांधी जी के शहादत दिवस पर एक दिवसीय उपवास : सदियों तक महात्मा गांधी दुनियाँ को शांति का रास्ता दिखाते रहेंगे ” :एकता परिषद छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : आज दुनिया जिस तरह-तरह के संकट के दौर से गुजर रही है, उसमें महात्मा गांधी के मूल संदेश को बार-बार याद करने की जरूरत बहुत ज्यादा महसूस हो रही है। यही वजह है कि  अहिंसा,सत्य,शांति,समानता,  पर्यावरण , प्रकृति महिलाओं के अधिकार या लोकतंत्र को मजबूत करने का आंदोलन, उनमें बार-बार हमें महात्मा गांधी के संदेश व उद्धरण सुनाई देते हैं। विश्व स्तर पर गांधीजी के कुछ मूल संदेशों की इस बढ़ती मान्यता और प्रासंगिकता के बावजूद गांधीजी के अपने देश में इन्हें मूल आधार बनाकर वैकल्पिक समाज व अर्थव्यवस्था का कोई बड़ा व असरदार प्रयास आज भी नजर नहीं आता है। गांधीजी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे. राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी प्राप्त हुई. विश्व स्थर पर महात्मा गांधी सिर्फ एक नाम ही नहीं अपितु शान्ति और अहिंसा के प्रतीक हैं । आइंस्टीन ने महात्मा गांधी के बारे में कहा था-‘आने वाली नस्लें शायद ही यकीन करे कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी इस धरती पर चलता-फिरता था।’ एक साधारण से शरीर में विराट आत्मा के लिए ही तो दुनिया हमारे राष्ट्रपिता को ‘महात्मा’ कहती है। आज बापू का 74 वां शहादत दिवस है।

 

देश-दुनिया के साथ राजधानी में भी बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया जाएगा। दुनिया जानती है 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड्से ने बापू की हत्या कर दी थी। आज भी देश-दुनिया में वंचितों, शोषितों को जब अपने अधिकारों की जंग लड़नी होती है तो वे गांधी जी के बताये आंदोलन की राह पर चलकर अपना हक हासिल करते हैं।

आज हमारे ही देश में जिस प्रकार महात्मा गांधी को मूलभूत सिद्धान्तों को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है वह आगे आने वाली पीढ़ियों के बीच दरारें पैदा करने के कुत्सित प्रयासों से देश की सुदृणता और सार्वभौमिकता के लिए चुनौती है। महात्मा गांधी ने अहिंसा, श्रम संस्कार, सादगी,प्रकृति सरंक्षण,सम्पूर्ण समाज के एकजुटता, सत्य ,स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन, उत्पादन में मानव श्रम का महत्व के माध्यम से स्वस्थ समाज के निर्माण के प्रयोग किये आज उन प्रयोगों की दबाने के प्रयास तेजी से हो रहे हैं ; इसलिए देश भर के तमाम गांधी वादी संगठन महात्मा गांधी के सहादत दिवस 30 जनवरी 2022 को एक दिन का उपवास रख कर सबको को सम्मत दे भगवान की धारणा को मजबूत करेंगे ।

बापू, महात्मा गांधी जी के शहादत दिवस पर एक दिवसीय उपवास

आयोजक एकता परिषद छत्तीसगढ़ (उत्तर)

उपवास में बैठने वाले साथियों का नाम व जिला — गांव ,पचायत

1– रमेश यदू ,शिकारी बैगा जिला कबीरधाम बोकरा बहरा

2– धर्मेंद्र पुरी, रामचरण मार्को जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही गांव पथर्रा

3– विषुन पैकरा जिला बिलासपुर गांव मोहली

4– निर्मला कुजुर ग्राम चंद्रोटी कोरबा

5– करमपाल चौहान जिला कोरबा बिंझरा

6– इंदिरा यादव ग्राम बड़खा बहरा कोरबा

7– राम सिंह उईके ग्राम केशलपुर कोरबा

8– मुरली दास संत+ बृजलाल मार्को ग्राम तेंदू टिकरा कोरबा

9– रुकमणी देवांगन, लिली ग्रेस कुजूर , ऊद्धेश्वर नायक , देवपहरी कोरबा

10– आनंद मराठा गांव केना भाटा (खारी) चांपा जांजगीर

12– बसंती यादव सराई पारा सूरजपुर

13– रवि शंकर कवर+ राजेंद्र चंदेल कन्नौज कोरिया जिला

14– हरि यादव सरगुजा वंदना मैनपाट

15– अंबिका देवी जसपुर बहमा

16– रघुवीर प्रधान रायगढ़ गांधी चौक

17– रघुवीर दास महंत +3 सरगुजा उदयपुर

30 जनवरी को सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक गांधी जी की प्रतिमा के सामने उपवास रखेंगे।

मुरली दास संत प्रदेश सयोजक एकता परिषद (उ)छ.ग.