वनमंत्री के आदेश की भी अवहेलना “जाँच न कर मामला को किया रफा दफा”
वनमंत्री के आदेश की भी अवहेलना “जाँच न कर मामला को किया रफा दफा”
मरवाही– छत्तीसग़ढ कांग्रेस कमेटी की सचिव सदस्य सुश्री नयन अजगले की मरवाही प्रवास के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियो एवम् आम जनता से प्राप्त शिकायत अनुसार एसडीओ पेंड्रा के साथ साथ रहे प्रभारी डीएफओ मरवाही रहे संजय त्रिपाठी के भ्रष्टाचार की शिकायत माननीय मुख्यमंत्री व वनमंत्री से किया गया था जिस पर वनमंत्री ने जांच कर तत्काल प्रतिवेदन प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी से मांगा था, परंतु उक्त आदेश को भी पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी द्वारा ठंढे बस्ते में डाल किनारे कर कोई जांच नही कराई गई.. इससे आंकलन लगाया जा सकता है !
कि वनमंत्री के ही आदेश का अगर पालन न हो तो फिर आम जनता का क्या सुना जाएगा जिसकी वजह से ही आज संजय त्रिपाठी के हौसले बुलंद है और मरवाही ने मनचाहा अपना डमी रेंजर रख भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा…वही मुख्यमंत्री प्रवास में आम जनता को यही उम्मीद थी कि अपना बातो को सीएम के सामने रखा जायेगा पंरतु स्थानीय नेताओं के घेरे बन्दी से प्रदेश के मुखिया तक पहुंच पाना असम्भव था !
आज सोचने का विषय है संजय त्रिपाठी के प्रति पक्ष ,विपक्ष ,जनप्रतिनिधि सब मानो हथियार डाल चुके है और एक छोटे कर्मचारियो के लिए यही कॉन्ग्रेस के नेता एवम् प्रतिनिधि विधानसभा में प्रश्न उठवा कर 13 कर्मचारियो को सस्पेंड करा उनके जीवन मे अंधेरा ला दिया गया और वही विभाग के सबसे बड़े मगरमच्छ को आज 10 वर्षो से खुलेआम लूटने को छोड़ दिया गया है इसी प्रकार एक लिपिक ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो मुख्य वन संरक्षक से लेकर डीएफओ तक एक ही दिन में कार्यवाही कर उसे बर्खास्त कर दिया गया !
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वृत्त एवम् मरवाही डिवीजन बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है , संजय त्रिपाठी पूरे वन विभाग की खानापूर्ति करते है आज बिलासपुर वृत्त ऐसे मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेल जैसे अधिकारी के हाथ मे है ये वही अधिकारी है जिनके डीएफओ सुकमा में रहते हुए अपने लिए लाखो का स्विमिंग पूल बनवाया गया था मरवाही रहते एसीबी का छापा पड़ा था, और करोड़ो की अवैध सम्पत्ति मिली थी , राजेश चंदेले अपने अप्रोच से हमेशा मलाई वाला डिवीजन या वृत्त पा लेते है इनकी पोस्टिंग डीएफओ कटघोरा, मनेंद्रगढ़- बेंकुठपुर की गई लेकिन एसीबी का मामला उठने से प्रत्येक डिवीजन में महीने भर भी डीएफओ पद पर नही रह पाए !
अब देखना है कि मुख्य वनसंरक्षक बिलासपुर में भी कब तक टिक पाते है इसी का फायदा उठा संजय त्रिपाठी का भी बल्ले बल्ले हो गया है गले थे भ्रष्टाचार के सागर में राजेश चंदेले के साथ डुबकी लगा रहा है!
“सैया भए कोतवाल तो भय काहे का” इसी का फायदा उठा आज संजय त्रिपाठी द्वारा खुलेआम लूट मचाई जा रही है, करोड़ो का घोटाला तो हो चुका है अब और कितना घोटाला होगा ये तो वक्त ही बताएगा परन्तु संजय त्रिपाठी की वजह से वन विभाग की योजनाओं बर्बादी की कगार पर है नाम न बताने के शर्त पर बताया गया कि मुख्यमंत्री के कोई सलाहकार है जिनका सीधे सीधे आशीर्वाद संजय त्रिपाठी पर बना हुआ है जिसकी वजह से आज तक संजय त्रिपाठी बचा हुआ है खैर मरवाही की जनता का कहना है की चुनाव में ही इसका जवाब दिया जाएगा.. स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधियों से कोई उम्मीद ही नही रही अब…?