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राज्योत्सव में बिक्री किया गया जैविक चाँवल किसानों का नही, तो फिर…

कोरबा(CGNEWS365.COM)/ 28 दिसंबर 2021-राज्योत्सव में कृषि विभाग द्वारा बिक्री किया गया जैविक चाँवल किसानों का नही है तो फिर किसका है यह एक बड़ा सवाल है।
आपको बता दें कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में 1 नवंबर को राज्योत्सव मनाया गया, इसी क्रम में कोरबा जिले में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहाँ शासन प्रशासन के विभिन्न विभागों का स्टॉल लगाया गया था जिसमे कृषि विभाग के द्वारा भी किसानों को लाभ पहुंचाने जैविक हॉट का शुभारंभ किया गया। जैविक हॉट में जिले के किसानों का जैविक उत्पाद (चावल)बिक्री किया गया। करतला व पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के कृषकों द्वारा क्रमशः काला चावल ,लाल चाँवल ,सुगंधित चाँवल जैविक कीमत पर विक्रय किया गया किंतु वर्तमान में जैविक खेती हेतु शासन द्वारा कोरबा जिले का एकमात्र ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा को ही चयनित किया गया है। और राज्योत्सव में जैविक हाट का स्टॉल लगाकर करतला व पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम रामपुर ,नवापारा, तानाखार व जल्के के किसानों द्वारा जैविक सुगंधित चाँवल बिक्री किया गया। विभाग के स्टॉल में ग्राम तानाखार के सरपंच व किसान स्वंय का उत्पादन किया हुआ जैविक सुगंधित चावल के साथ उपस्थित थे। वहीं ग्राम जल्के व नवापारा के एक भी किसान नही पहुंचे थे तो हमने हकीकत जानने ग्राम जल्के का दौरा किया। यहां किसानों व सरपंच ने बताया कि राज्योत्सव के पूर्व 26 अक्टूबर 2021 को कृषि विभाग के अधिकारी कुशवाहा जी गाँव मे किसानों की बैठक लेकर जैविक चाँवल की मांग किया तो किसानों ने कहा कि अभी फसल खेत मे है और हमारे पास बिक्री के लिए चाँवल नही है। और हमारे गाँव के किसानों के द्वारा किसी प्रकार का चाँवल राज्योत्सव में विक्रय नही किया गया है।

हैरान करने वाली बात है जब किसानों ने विभाग या एजेंसी को चाँवल,धान वर्षों से विक्रय नही किया तो ग्राम जल्के के किसानों के नाम से पंजीकृत कृषक संगठन कपनी(FPO)”कोरबा ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड” के पैकेट में किसके चाँवल को जैविक चाँवल बताकर जैविक कीमत पर विक्रय कर दिया गया यह जांच का विषय है ?

इस संबंध में ग्राम के ग्रामसेवक ने बताया कि राज्योत्सव के पूर्व ग्रामीणों की मीटिंग लेकर जैविक चाँवल की मांग किया गया इस पर किसानों ने चाँवल देने में असमर्थता जताया।
वहीं इस पूरे मामले में ग्राम सरपंच मंगल सिंह ओडाली ने बताया कि कृषि अधिकारी ने राज्योत्सव में बिक्री करने के लिए एक क्विंटल चाँवल का मांग किए थे लेकिन हमारे किसानों के पास चाँवल नही होने की बात कही और हमने किसी तरह का जैविक चाँवल राज्योत्सव में नही बेंचा है।

किसानों ने बताया कि 5 वर्ष पूर्व में प्राइवेट कम्पनी शील बॉयोटेक लिमिटेड के द्वारा हमारा धान 30 रु. प्रति किलो के दर से खरीदा जाता था, किंतु विगत 2-3 वर्षों से हमने धान व चाँवल विक्रय नही किया है।
अब सवाल उठता है कि जब जैविक ग्राम जल्के तथा ग्राम नवापारा के कृषकों द्वारा वर्षों से जैविक धान व जैविक चाँवल विक्रय नही किया गया है तो विभाग द्वारा राज्योत्सव में जैविक हॉट स्टाल लगाकर कौन- सा और किसके चाँवल को जैविक बताकर विक्रय कर दिया गया ?

जैविक चाँवल के संबंध में करतला ब्लॉक के ग्राम नवापारा में गठित किसान उत्पादक संगठन “महामाया सहकारी समिति, नवापारा” के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जगन्नाथ राठिया से जानकारी चाही गई तो उन्होने बताया कि कृषक लाल व काले चाँवल के साथ ही काजू का भी जैविक खेती करते है और उनका प्रमाण पत्र हैं या नही इसकी जानकारी उन्हें नही है उनके अनुसार fpo के कृषक सदस्य प्राइवेट कंपनी धनवंतरी द्वारा उत्पादित सामग्री टॉनिक, तरल खाद, बीजामृत, जीवामृत का उपयोग करते इसलिये वे अपने उत्पाद को जैविक मानते है किंतु कहि भी किसी भी स्तर पर उनका किसी भी प्रकार का जैविक से संबंधित प्रमाण पत्र होने की जानकारी नही है सिर्फ किसान संगठन का प्रमाण पत्र है।

इस संबंध में कृषि उपसंचालक कोरबा ए के शुक्ला का कहना है कि हम कृषकों को सिर्फ जैविक खेती के लिये प्रोत्साहित करते है और इस राज्योत्सव के अवसर पर जैविक हाट के स्टाल पर करतला ब्लॉक के रामपुर, नवापारा, पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम-तानाखार व जल्के के कृषकों द्वारा जैविक चाँवल का विक्रय किया गया है।

यदि शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को ना मिले तो फिर उनकी आर्थिक स्तर कैसे ऊपर उठ सकेगा। बहरहाल इस पूरे मामले में शासन प्रशासन क्या रुख अख्तियार करता है जिसे किसानों को सीधा लाभ मिल सके यह तो समय ही बताएगा