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- 22 अप्रैल अर्थ डे पृथ्वी दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बलगीखार, हाई स्कूल अयोध्यापुरी , हाई स्कूल स्याहीमुड़ी एवम हाई स्कूल गोपालपुर में संयुक्त रुप से वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष के कोरोना काल में अर्थ डे की थीम रिस्टोर अर्थ अर्थात पृथ्वी को फिर से अच्छी अवस्था में बहाल करना है। जिला विज्ञान नोडल डॉ फरहाना अली ने इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि इस दिन करोड़ों लोग मिलकर पृथ्वी से संबंधित पर्यावरण की चुनौतियां जैसे ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रयास करते हैं और अन्य लोगों को इस दिशा में जागरूक करते हैं। कार्यक्रम की संयोजिका ललिता साहू, प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बलगीखार ने इस अवसर पर विद्यालयीन बच्चों के बीच चित्रकला, निबंध, स्लोगन एवं कविता प्रतियोगिता का वर्चुअल आयोजन किया। उन्होंने बच्चों से कहा कि बेहतर भविष्य के लिए पृथ्वी की सुरक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पर्यावरणविद डॉ माणिक विश्वकर्मा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि उनमें बचपन से ही पृथ्वी की सुरक्षा की भावना विकसित करना चाहिए। आज पृथ्वी के श्रृंगार का संकल्प लेने का दिन है।उन्होंने कहा पेड़ से जीवन है तुम उसे न काटना, बांट सको तो घर घर हरियाली बांटना।विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की सह सचिव व कमला नेहरू महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक निधि सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रकृति से खिलवाड़ करने के कारण ही संतुलन बिगड़ रहा है।जंगली जानवर शहरों में घुस रहे हैं।आज हम संकल्प लें कि पानी को व्यर्थ नहीं बहने देंगे,ऊर्जा का संरक्षण करेंगे । हाई स्कूल अयोध्यापुरी की व्याख्याता सुमिता कंवर द्वारा पृथ्वी दिवस के अवसर पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता कराई गई । हाई स्कूल गोपालपुर के व्याख्याता विनोद साहू ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि बढ़ते कंक्रीटकरण के कारण पृथ्वी का क्षेत्रफल कम हो रहा है । अतः यथा स्थान एक पौधा लगाकर उसको सुरक्षा करें जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार से ऑक्सीजन की कमी ना हो।वरिष्ठ व्याख्याता शीला नायर ने छात्रों को जानकारी दी कि मौजूदा समय में लोग बहुत लापरवाह हो गए हैं। पृथ्वी पर प्रदूषण बहुत बढ़ गया है जिसका परिणाम है कि पूरा विश्व कोरोना महामारी की त्रासदी झेल रहा है। हमें पृथ्वी की गुणवत्ता, सुरक्षा , उर्वरकता और महत्ता को बनाए रखने के लिए कटिबद्ध होना होगा और एकजुट होकर इस दिशा में कार्य करना पड़ेगा। व्याख्याता सरोजनी ऊइके ने कहा कि कोविड़ 19 ने इस दिवस को मनाने की जरूरत को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने बच्चों से आव्हान किया कि नए पेड़ पौधे लगाएं, सड़क के किनारे का कचरा उठाएं, गंदगीयों का पुनर्चक्रण करें और ऊर्जा संरक्षण में सहभागी बने। व्याख्याता मेरी मथिल्डा तिर्की ने चित्रकला, स्लोगन कविता एवं निबंध प्रतियोगिता आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाई। रजनी कंवर,पूनम बर्मन, सिया निर्मलकर, प्रियंका तांडी,लक्ष्मी यादव, महिमा भारिया,श्वेता कंवर, आदि छात्रों ने इन प्रतियोगिताओ में भाग लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन व्याख्याता तुलेश्वरी साहू द्वारा किया गया।