कोरबा/पाली: एसईसीएल की बुड़बुड़ खदान में चल रहा कोयले का काला कारोबार…
कोल माफिया सिंडिकेट बनाकर अवैध कार्य को दे रहे अंजाम, शांतिप्रिय पाली क्षेत्र को उत्तर प्रदेश, बिहार बनाने की कवायद
@- चोरी के कोयले से लदी ट्रेलर सहित 2 ट्रेक्टर को पुलिस ने किया जब्त.
कोरबा/पाली:- सूबे के मुखिया भूपेश बघेल द्वारा अवैध कारोबार और माफिया राज पर सख्ती से रोक लगाए जाने के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को दिए गए निर्देश के परिपालन में कोरबा जिला पुलिस कप्तान के निर्देशन पर पुलिस की तमाम कवायदों व बरती जा रही सख्ती के बाद भी कोयला खदानों में कोयले की चोरी के कारोबार को जिस बड़ी तेजी और व्यापक स्तर पर कोल माफियाओं द्वारा सिंडिकेट बनाकर रात के अंधेरे में बेखौफ अंजाम दिया जा रहा है, उससे इन काले कारोबारियों के हौसलों की दाद देनी पड़ेगी, जो खदान क्षेत्र में अपने आदमी भेजकर भोले- भाले ग्रामीणों के माध्यम से काले हीरे की चोरी करवा रहे है।
एसईसीएल की सराईपाली परियोजना अंतर्गत बुड़बुड़ में संचालित ओपन कास्ट खदान में इन दिनों कोल माफियाओं का आतंक जमकर छाया हुआ है, जहां स्थानीय के अलावा बाहरी तत्वों द्वारा सिंडिकेट तैयार कर कोयला चोरी के अवैध कारोबार का संचालन किया जा रहा है, जो आसपास के भोले- भाले ग्रामीणों व किराए पर लाए बाहरी टट्टुओं को रात के अंधेरे में खदान के मुहाने पर भेजकर भारी मात्रा में कोयले की चोरी कराकर उसे ट्रेलर, हाइवा, ट्रेक्टर वाहन में भरकर तश्करी के माध्यम से सीमावर्ती बिलासपुर जिले में खपाने का काम बड़े पैमाने पर कर रहे है। जानकारी के अनुसार तीन से चार टीम द्वारा अलग- अलग सिंडिकेट बनाकर कोयले के अवैध कारोबार में सक्रिय है जो एक कोल हिस्ट्रीशीटर को चोरी का कोयला भारी मात्रा में खपा रहे है, और इस प्रकार बुड़बुड़ खदान से रोजाना लगभग 15 गाड़ी कोयले की अफरा- तफरी किये जाने की खबर सामने आ रही है। जहां उक्त दो नंबरी कार्य में संलिप्त कोल माफियाओं को शासन सत्ता के कुछ नेताओं और जनप्रतिनिधियों से मिले संरक्षण से वे प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित आईजी, एसपी का रौब झाड़ते हुए अपने कृत्य को बखूबी अंजाम दे रहे है। ऐसा ही मामला तब प्रकाश में आया जब बीते शनिवार की मध्य रात्रि पाली पुलिस ने चोरी का कोयला लोड कर बुड़बुड़ खदान से गतंव्य की ओर खपाने निकले एक ट्रेलर के साथ दो ट्रेक्टर वाहन को पकड़ा, जहां इससे जुड़े कोल माफिया जब्त वाहन छुड़ाने हरसंभव प्रयास किये लेकिन पुलिसिया कार्यवाही के आगे उनकी एक न चली और अंततः उन्होंने दो दिन के भीतर थाना प्रभारी को ही थाने से हटा देने की बात कह डाली। इससे साफ जाहिर होता है कि कोयले के काले कारोबार से जुड़े माफियाओं के हौसले किस कदर आसमान की बुलंदियों को छू रहे है। यदि यही हाल रहा तो कभी भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है साथ ही पाली जैसे शांतिप्रिय क्षेत्र को उत्तर प्रदेश, बिहार बनने में कतई समय नही लगेगा।